Thursday, October 4, 2018

Nobel Prize 2018 : Medicines and Physics Winner Announcement

The Nobel Prize in Chemistry Physics and Medicine of the year 2018 has been announced on Tuesday.

रसायन विज्ञान श्रेणी में नोबेल पुरस्कार 2018

•    चयन मंडल ने कहा कि क्रम विकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले एंजाइम का विकास करने के सिलसिले में तीनों वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया.

•    अर्नोल्ड रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल (Nobel Prize 2018) जीतने वाली पांचवीं महिला हैं. 

•    उन्हें पुरस्कार राशि 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर (करीब 10.1 लाख डॉलर या 870,000 यूरो) की आधी रकम दी जाएगी. शेष आधी रकम स्मिथ और विंटर के बीच बंटेगी.  

•    तीनों वैज्ञानिकों ने विभिन्न क्षेत्रों में प्रोटीन के इस्तेमाल के लिए क्रम विकास के उसी सिद्धांत का इस्तेमाल किया जिसके जरिए आनुवंशिक बदलाव और चयन किया जाता है.

  फासेस एच. अर्नोल्ड का जन्म वर्ष 1956 में अमेरिका स्थित पिट्सबर्ग में हुआ. उन्होंने वर्ष 1985 में यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया से पीएचडी की उपाधि हासिल की. वे वर्तमान में कैलिफ़ोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी में केमिकल इंजीनियरिंग, बायोइंजीनियरिंग एवं बायोकेमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं.


जॉर्ज पी स्मिथ का जन्म 1941 को नॉरवॉक, अमेरिका में हुआ. उन्होंने 1970 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से पीएचडी की डिग्री हासिल की. वे वर्तमान में यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिसूरी, कोलंबिया, अमेरिका में बायोलॉजिकल साइंसेज़ विभाग में प्रोफेसर हैं.

ग्रेगोरी पी विंटर का जन्म 1951 लिसिस्टर, इंग्लैंड में हुआ. उन्होंने वर्ष 1976 में पीएचडी की डिग्री हासिल की. वे कैंब्रिज यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड में एमआरसी लेबोरेटरी के अनुसंधान प्रमुख हैं.

 

nobel prize


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नोबेल पुरस्कार के बारे में

•    प्रत्येक वर्ष विज्ञान, साहित्य के क्षेत्र में महान अविष्कार करने वाले वैज्ञानिकों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है. 

•    यह पुरस्कार रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस की ओर से प्रदान किया जाता है. 

•    इसमें पुरस्कार स्वरुप 7,70,000 पाउंड की राशि दी जाती है. 

•    इस वर्ष साहित्य का नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है क्योंकि नोबेल पुरस्कार का चुनाव करने वाली संस्था स्वीडिश एकेडमी की ज्यूरी की एक सदस्य के पति यौन शोषण के आरोपों में घिरे हैं जिसके चलते स्वीडिश एकेडमी विवादों में घिरी हुई है.

Nobel Prize 2018 :Medicines and Physics Winner List 2018 

    नोबेल पुरस्कार समिति द्वारा 02 अक्टूबर 2018 को भौतिकी के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की इस बार भौतिकी का नोबेल तीन लोगों को दिया जाएगा, जिसमें आर्थर अशकिन और गेर्राड मौरोउ और डोना स्ट्रिकलैंड का नाम शामिल है. 

    इस पुरस्कार में आधा भाग आर्थर अशकिन जबकि आधे भाग में से गेर्राड मौरोउ और डोना स्ट्रिकलैंड को सम्मानित किया गया है.

    भौतिकी में नोबेल पुरस्कार 2018

    •    नोबेल पुरस्कार इन वैज्ञानिकों को लेजर भौतिकी के फील्ड में अहम अविष्कार करने के लिए दिया गया है. 

    •  डोन्ना स्ट्रिकलैंड भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली तीसरी महिला वैज्ञानिक हैं.

    •    आर्थर एश्किन अमेरिकन वैज्ञानिक हैं, जिनके ऑप्टिकल ट्वीजर्स और बायोलॉजिकल सिस्टम्स के संबंध में किए गए प्रयोगों को रॉयल स्वीडिश एकेडमी ने मान्यता दी है. 

    •    गेरार्ड मोरोउ (फ्रांस) और डोन्ना स्ट्रिकलैंड (कनाडा) को हाई-इंटेसिटी, अल्ट्रा शॉर्ट ऑप्टिकल पल्स को जेनरेट करने के तरीके के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. 

    •    पिछले वर्ष भी भौतिकी का नोबेल पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों रेनर वीस, बैरी बैरिश और किप थ्रोन को दिया गया था. इन तीनों वैज्ञानिकों को गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता लगाने के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था.


    डोना स्ट्रिकलैंड 55 वर्ष में नोबेल जीतने वाली पहली महिला

    कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड यह अवॉर्ड जीतने वाली तीसरी महिला हैं. उनसे पहले मैरी क्यूरी को 1903 और मारिया गोपर्ट-मेयर ने 1963 में भौतिकी का नोबेल जीता था. डॉक्टर स्ट्रिकलैंड और डॉक्टर मौरोउ ने बेहद छोटी मगर तेज़ लेज़र पल्स बनाने में योगदान दिया है. उन्होंने चर्प्ड पल्स एंप्लिफ़िकेशन (सीपीए) नाम की तकनीक विकसित की है. अब इस तकनीक का इस्तेमाल कैंसर के इलाज और आंखों की सर्जरी में होता है.


    चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार 2018

    nobel prize 2018


    •    इस बार चिकित्सा के क्षेत्र में दो लोगों को सामूहिक तौर पर यह पुरस्कार दिया जा रहा है.

    •    जेम्स पी एलिसन और तासुकू होंजो को कैंसर थेरपी की खोज के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है. 

    •    कैंसर की दुर्लभ बीमारी की इलाज के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी थेरपी विकसित की है. 

    •    इससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा.

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